आज मैं आप लोगों को भारतीय किसान और किसान के बच्चे के जीवन के बारे में बता रहा हूं,भारतीय किसान को खेती के लिए कोई भी सामग्री जैसे: उर्वरक, बीज, डीजल, पेट्रोल आदि की जरूरत होती है तो ज्यादातर सामग्री भारत सरकार द्वारा विक्रय की जाती है, तथा विक्रय में भी जीएसटी जोड़ा जाता है, और उसे प्रत्येक किसान खरीदारी भी करता है, भारत सरकार की सामग्री का मूल्य/ किलो – किसान के सामग्री का मूल्य/ किलो से ज्यादा होती है|
यानी हम कह सकते हैं कि चावल- गेहूं का मूल्य, उर्वरक, बीज, डीजल, पेट्रोल आदि से हमेशा कम होता है | ऐसा क्यों होता है जबकि पूरा देश यह जानता है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश के साथ-साथ कृषि प्रधान देश भी है | अब आप सोच सकते हैं कि इस देश का क्या होगा और इस देश के किसान का क्या हाल होगा |
ना तो किसान ठीक से जी सकते हैं और ना ही मर सकते हैं | क्योंकि भारत सरकार की ऐसी राजनीति है कि वह किसानों को न जीने देगी और ना ही मरने देगी |
आजकल के किसान अपने परिवार को भी ठीक से पालन पोषण नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उनके पास उतनी पैसा नहीं है जितना उसे जरूरत है इसी कारण उनके बच्चे भी थोड़ा बहुत शिक्षा ग्रहण भी कर लेती है और वह कुछ करना चाहता भी है तो वह भी नहीं कर पाता है क्योंकि आज कल की दुनिया में कुछ करने के लिए (जैसे: बिजनेस या नौकरी ) पैसों की जरूरत होती है|
भारत सरकार की नजर में सिर्फ बड़े-बड़े किसान जो पूंजीपति है उन्हें हैं लोन की सुविधा भी मिलती है, और आप सभी को बता दें कि छोटे-छोटे किसानों को लोन नहीं मिलता है |
तथा उसके बच्चों को भी लोन नहीं मिलता है जो मैट्रिक, इंटर, ग्रैजुएट के बाद आगे की पढ़ाई भी कर सके |किसान के बच्चे बिजनेस के लिए भी सोचे तो नहीं कर पाता है क्योंकि उसके पास पैसे नहीं होते हैं, भारत सरकार तो काम करती है मगर किसानों के लिए नहीं वोट के लिए, यहां की राजनीति की गंदी है की ना जाने आगे चलकर क्या होगा |
मैं आप लोगों को बता दूं कि अगर आप किसान के बच्चे हैं और बैंक में लोन लेने के लिए जाते हैं तो बैंक कर्मचारी आपसे जीएसटी बिल, पैन कार्ड, आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड, आइटीआर रिटर्न फाइल, 6 माह की बैंक बैलेंस की जानकारी मांगती है |
अब आप खुद ही सोच सकते हैं की बैंक सीधा – सीधा ना कह कर , घुमा-फिरा कर बातें करते हैं, जब किसान के बच्चों या किसान के पास पैसा ही रहता तो उसे लोन की जरूरत है क्यों पड़ते | और बैंक की दस्तावेज मांग को देखकर यह साफ नजर आता है कि बैंक किसान तथा किसान के बच्चों या कोई भी मीडियम या गरीब फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं उसे लोन कभी भी नहीं मिलेगा |
ऐसी राजनीति और ऐसे सरकार और ऐसा देश ज्यादा दिन तक नहीं चलते हैं, या तो खुद विनाश हो जाएंगे नहीं तो उसे प्राकृतिक विनाश कर देगी | और यह सब किसी भी देश में हो सकता है |
मैं फिर आप लोगों को एक बार कहता हूं कि ऐसी राजनीति ऐसी सरकार और ऐसा संविधान के साथ-साथ ऐसी देश होना चाहिए, जो सभी महिलाओं, सभी पुरुष और सभी बच्चों के बारे में सोचें, किसी के साथ कोई भी भेदभाव ना करें, और सभी को आगे बढ़ने का मौका मिले |
अगर इस तरह की सरकार होगी तो कोई भी देश विश्व का नंबर वन देश के साथ साथ विकसित और शक्तिशाली देश भी होगा |