प्रधानमंत्री मोदी ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठी बैठक में कहा कि भारत में व्यापार करना आसान बनाने (Ease of Doing Business) और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए |
केंद्र और राज्यों को लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को सरकार के आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम का हिस्सा बनने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया बताती है कि देश तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहता है। कृषि क्षेत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने ने कहा कि खाद्य तेल जैसी कृषि वस्तुओं के उत्पादन और उनके आयात को कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए। इससे किसानों को फायदा होगा।
किसानों के लेकर बोले पीएम मोदी: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें कृषि प्रधान देश कहे जाने के बावजूद भी आज 65,000-70,000 करोड़ का खाद्य तेल हम बाहर से लाते हैं। हम ये बंद कर सकते हैं। हमारे किसानों के खाते में पैसा जा सकता है। इन पैसों का हकदार हमारा किसान है, लेकिन इसके लिए हमें अपनी योजनाएं उस तरह से बनानी होंगी। इसके लिए किसानों को गाइड करना जरूरी है।
शिवराज समेत अन्य मुख्यमंत्री हुए शामिल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत अन्य नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया। इसमें बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की संचालन परिषषद की बैठक में शामिल नहीं हुईं।
इससे पहले भी वे नीति आयोग की बैठकों को निरर्थक बताते हुए उनमें शामिल नहीं हुई हैं। उनका कहना है कि इस संस्था के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं और यह राज्य की योजनाओं में कोई मदद नहीं दे सकती है। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बीमार होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हुए। पीएमओ के अनुसार इस बैठक में केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार लद्दाख शामिल हुआ।